भावना-
सत्य है मानने से...
ज्ञान-
सत्य है जानने से...!
Wednesday, 3 February 2016
*शब्दों के मुसाफिर *
शब्दों के मुसाफिर के
मन में हैं मेले
इन्हीं के हैं खेले
इन्हीं के झमेले.......!
मन में हैं मेले
इन्हीं के हैं खेले
इन्हीं के झमेले.......!
Tuesday, 2 February 2016
*मुक्ति की खोज*
*मुक्ति की खोज*
परमात्मा
को मानना ही मुक्ति है.
अब और कौन मुक्ति.
परमात्मा से मुक्ति,
जो सब जगह है,
जो परम प्रिय है,
परम पिता है,
उससे मुक्ति
या
उसकी बनाई
माया से मुक्ति?
मुक्ति की खोज,
मुक्ति की माँग
ही अधार्मिक है,
गैर आध्यात्मिक है....!
॥ जय श्री कृष्ण ॥
-स्वामी अमृतानंद सरस्वति
परमात्मा
को मानना ही मुक्ति है.
अब और कौन मुक्ति.
परमात्मा से मुक्ति,
जो सब जगह है,
जो परम प्रिय है,
परम पिता है,
उससे मुक्ति
या
उसकी बनाई
माया से मुक्ति?
मुक्ति की खोज,
मुक्ति की माँग
ही अधार्मिक है,
गैर आध्यात्मिक है....!
॥ जय श्री कृष्ण ॥
-स्वामी अमृतानंद सरस्वति
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