Wednesday, 3 February 2016

*सत्य*

भावना-
सत्य है मानने से...
ज्ञान-
सत्य है जानने से...!

*भावनाओं का विश्लेषण*


भावनाओं
का विश्लेषण
न करें.......
ये मर जाएँगी....!

*शब्दों के मुसाफिर *

शब्दों के मुसाफिर के
मन में हैं मेले
इन्हीं के हैं खेले
इन्हीं के झमेले.......!

Tuesday, 2 February 2016

*मुक्ति की खोज*

*मुक्ति की खोज*
परमात्मा
को मानना ही मुक्ति है.
अब और कौन मुक्ति.
परमात्मा से मुक्ति,
जो सब जगह है,
जो परम प्रिय है,
परम पिता है,
उससे मुक्ति
या
उसकी बनाई
माया से मुक्ति?
मुक्ति की खोज,
मुक्ति की माँग
ही अधार्मिक है,
गैर आध्यात्मिक है....!
॥ जय श्री कृष्ण ॥
-स्वामी अमृतानंद सरस्वति

Friday, 29 January 2016


*॥श्रीमभ्दगवग्दीता॥* -मेरी समझ में. "
से उद्धृत

श्री भागवत गीता में अघ्यात्म, भक्ति, मनोविज्ञान,
राजनीति, कूटनीति, दर्शन, योग, नीति,
विज्ञान सब कुछ है.
यह हर काल, धर्म, संप्रदाय, वर्ग, वंश,
उम्र, लिंग के मनुष्यों के लिए सदुपयोगी है"
-स्वामी अमृतानंद सरस्वति


Saturday, 16 January 2016

खोज

मन खोज रहा है उसे जो खोया ही नहीं कभी..!!!

स्वागत....!

साहित्यिक अभिव्यक्ति में आपका स्वागत है...!!!